भारत सरकार के आर्टिकल को रद्द करने के ऐतिहासिक फैंसले के बाद पूरे देश में उत्साह और उमंग की लहर दौड़ रही है बच्चों से लेकर बूढ़े सभी इस इतिहासिक मौके पर अलग अलग तरीके से अपनी ख़ुशी को ज़ाहिर कर रहे हैं
नेहरू द्वारा लाया गया ये प्रावधान कश्मीर की तरक्की में कई सालों से एक बड़ी बाधा बना हुआ था जिसको भाजपा सरकार ने आखिरकार उखाड़ फेंका है आपकी जानकारी के लिए बता दें की अब भारत का कोई भी नागरिक चाहे तो कश्मीर में ज़मीन खरीद सकता है और वहां व्यापार कर सकता है
इस खबर का पता चलने के बाद जो इंसान पानवाड़ी से छोटी गोल्ड फ्लैक भी उधार लेकर पीता था वो भी अब कश्मीर में ज़मीन खरीदने की बात कर रहा है, इस बात पर सदन में अभी चर्चा ही चल रही थी की पता चला कश्मीर में ज़मीन खरीदने वाले कागज़ सदन से चोरी हो गए हैं
इतना पता चलते ही सरकार का पहला शक गरीब किसान के बेटे रोबर्ट वाड्रा पर गया और तुरंत पुलिस ने उनके घर की तलाशी शुरू कर दी है, आपकी जानकारी के लिए बता दें की रोबर्ट वाड्रा ने एक बार खुद की ज़मीन पर ही कब्ज़ा कर लिया था!
उधर गुलाम नबी आजाद का कहना है कि उन्हें राज्यसभा में सिर्फ इसलिए ही भेजा गया था कि वह लोगों का ध्यान भटका सके और राहुल गांधी और रॉबर्ट वाड्रा आराम से चोरी कर सकें उन्होंने यह काम बखूबी करके दिखाया है इसलिए पार्टी उन्हें प्रेसिडेंट भी बना सकती है!
गुलाम नबी आजाद ने भले ही इसका विरोध किया हो और कांग्रेस पार्टी भाजपा के समर्थन में ना हो मगर सूत्रों की माने तो रोबर्ट वाड्रा का बीजेपी को इस मुद्दे पर पूर्ण समर्थन है अब देखना ये होगा की सदन में से चुराए गए ज़मीन के कागज़ इनके घर से मिलते हैं या नहीं!