कोरोना वायरस की सेकेंड बैटिंग चालू होते ही सरकार की हालत पतली हो गई है, इससे निपटने के लिए सरकार ने राज्य सरकारों को कड़े कदम उठाने के लिए कहा है जिसके मद्देनजर कुछ राज सरकारों ने रात में आशिंक लॉक डाउन लागू कर दिया है। रात में कर्फ्यू लगने से रात्रि कालीन पाली में काम करने वाले लोग प्रभावित हुए है जिसमे चोर समुदाय प्रमुख हैं। चोर एसोसियेसन ने सरकार के इस कदम को पूर्णतया तानाशाह एवं चोर विरोधी बताया है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष कालिया गिरहकट ने हमारे सवांददाता को बताया कि लॉक डाउन के समय उनके समुदाय की हालत पतली हो गई थी फिर अनलॉक वन के बाद से उनके व्यवसाय ने कुछ गति पकड़ी थी कि अब फिर से रात में लॉक डाउन होने से समस्या विकट हो गई है।
पहले से ही रेलवे स्टेशन बस स्टैंडों में भीड़ न के बराबर होने से जेबकतरा व्यवसाय बंदी के कगार पे है जिसके कारण घरों में सेंधमारी और दुकान का शटर तोड़ने वाले धंधे पर ज्यादा प्रेशर आ गया है, अब रात में कर्फ्यू लगने से चाय की दुकानों में सोने वाले सिपाही भी मुस्तैदी से ड्यूटी कर रहे हैं जिसके कारण थाने के अलावा उनको भी कमीशन देना पड़ रहा है और लूट बचत लागत से भी कम हो रही है।
कालिया ने आगे अपना दुःख व्यक्त करते हुए बताया कि कल ही एक पान की दुकान का ताला तोड़ने पर सिर्फ उधारी के पर्चे मिले जिसके कारण होमगार्ड को अपनी जेब से कमला पसन्द खिलाना पड़ा।