अब भी ये अजीबोगरीब हेडलाईन पढ़कर सकते में होंगे ! लेकिन यही आज का सच है जिसे कवर किया है हमारे संवाददाता सत्तु दी डॉग लवर ने !
वैसे तो आमतौर पर जब कोई बकवास करता है तो कहा जाता है कि भाई भोंकना बंद कर , और अमूमन भोंकने के लिए उस इंसान को कुछ नुकसान या सज़ा ही मिलती है अब अपने दिग्विजय , मणिशंकर या सैम पित्रोदा को ही देख लीजिए। मगर यह जो किस्सा है इसमें मुम्बई के एक सेल्समेन को भोंकने का बड़ा फायदा होता हुआ नजर आ रहा है।
दरअसल बात यह है मुम्बई के काफी मशहूर इलाके में बच्चों के कपड़ो की दुकान में एक रईस महिला अपनी कुतिया के लिए शॉपिंग करने आई थी , कुछ सेल्समेन चौंक गए …क्योंकि उस दुकान से वे अपने खुद के बच्चों के कपड़े भी खरीद सकने की माली हालत में नहीं थे। मगर धीरे धीरे उन्होंने अपनी चुनौती को स्वीकार किया और शुरू कर दिया कुतिया को कपड़े बताना।
लगभग 2 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद भी कुतिया को कोई कपड़े पसंद नहीं आ रहे थे तब एक शातिर सेल्समैन ने कमान संभाली और कुतिया को उसी की भाषा मे कपड़ों की खूबी बताने लगे यानी कि भोंक भोंक कर। यह तरीका कारगर सिद्ध होने लगा कुतिया एक के बाद एक कपड़ा ट्रायल रूम में ले जाकर ट्राय करने लगी।
यह देख महिला भी काफी प्रसन्न हो गयी और देखते देखते कुतिया ने लगभग 15 हज़ार के कपड़े खरीद लिए। बस क्या था बन गए वो मैन ऑफ द मैच , दुकान के मालिक ने भी खुश हो कर सेल्समैन की पगार तो नहीं बढाई मगर साल में एक रविवार की छुट्टी का एलान कर दिया जिसे सुन कर सेल्समैन भावुक हो उठा और कह पड़ा ” अगले जनम मोहे , कुतिया ही कीजो “!