पश्चिम बंगाल पर डाक्टरों पर 200 लोगों द्वारा हुए हमले के बाद मानो देश मे अफरातफरी का माहौल सा है। उसका कारण है डॉक्टरों द्वारा की जा रही देशव्यापी हड़ताल जिस से आम जनजीवन काफी खासा प्रभावित हुआ है। इसका जाना उदाहरण हैं फौक्सि टीम के वरिष्ठ सदस्य गौरांग जो हड़ताल की वजह से अपने बालतोड़ का इलाज नहीं करवा पा रहे।
एक तरफ देश इतने भारी संकट में हैं , तो एक ऐसा वर्ग भी है जिसने इस संकट में भी अवसर देख लिया और वो हैं डेंटिस्ट। जी हां वही प्रजाति जो अपने नाम मे डॉक्टर लगाती है मगर डॉक्टरी के नाम पे कुछ नहीं आता। ये मामला पहली बार तब सामने आया जब हमारे जांबाज़ और खाली रिपोर्टर लाला दी डॉन ने जोधपुर के क्लिनिक में चल रहे इस गोरखधंधे का पर्दाफाश किया।
लाला के एक दोस्त ने उन्हें बताया कि इलाज के वक़्त एक डॉक्टर ने उनका दांत निकाल लिया , मामले की गंभीरता को देखते लाला ने पुलिस को खबर की और जालसाज़ डेंटिस्ट को गिरफ्तार करवाया। गिरफ्तार अपराधी ने कबूलनामे में कहा 2 साल से डेंटिस्ट बनी हूँ मगर अब तक बोनी नहीं कि एक ग्राहक नहीं आया था यहां तक के मेरे घरवाले मुझे डॉक्टर तो क्या डेंटिस्ट मानने को तैयार नहीं थे। डॉक्टरों की हड़ताल और लोगों की अफरातफरी का माहौल देख मैंने सोचा पहली बोनी करने का इस से अच्छा मौका नहीं हो सकता।
इसलिए बुखार का इलाज कराने के इच्छुक को मैंने अपने क्लीनिक बुला लिया मगर मुझे इलाज नहीं आता था तो मैंने कहा आपके दांत में मिराज फस गयी है और इसके इन्फेक्शन से बुखार आया है। और मैंने उनका दांत निकाल लिया। टीम फौक्सि आप सब से अपील करती है जहां भी इलाज कराएं पहले डॉक्टर की जांच करें व सोशल मीडिया पर जहां भी डेंटिस्ट जो कि डॉक्टर बने घूम रहे हैं उन्हें ब्लॉक करें।