अकसर कहा जाता है की माँ के हाथ के खाने की बात ही कुछ और होती है, परंतु आज हम आपको एक ऐसी खबर से रूबरू करवाएंगे जिसने इस कहावत को ही पलट कर रख दिया
जी हाँ पिछले कुछ वर्षों से कॉलेज में पढ़ रहे एक छात्र ने जब कई महीनो बाद अपने घर की और जाने का रुख किया तो उसके मन में भी माँ के हाथ के खाने को लेकर ऐसा ही उत्साह था
और जैसे ही छात्र अपने घर पहुंचा तो माँ ने इतने महीनो बाद अपने बेटे को देखते ही गले लगा लिया और ख़ुशी के मारे उसका मनपसंदीदा खाना बनाना भी शुरू कर दिया
परंतु जब माँ ने अपने बेटे के आगे प्यार से खाना परोसा तो बेटे को ऐसे गुस्सा आया जैसे की फुटपाथ पर लेटे हुए लोगों को देख कर सलमान खान को गुस्सा आता है
पहले तो माँ को समझ नहीं आया की बेटे को गुस्सा क्यों आया फिर जब माँ ने बेटे से पूछा तो बेटे ने कहा की ‘इसमें बाल कहाँ है?’ माँ यह सुन कर सकपका गयी की उसका बेटे क्या बोल रहा है?
बेटे ने फिर से गुस्से में जी डी बक्शी के अंदाज़ में बोला ‘ये कोई खाना है, ये कोई खाना है?’ और अपने सर से अपने बाल को ज़ोर से नोंचा, और उखाड़ कर अपनी सब्ज़ी में मिला दिया और फिर ख़ुशी से खाना खाने लगा !
घरवालों के पूछने पर पुत्र ने बताया की उसे हॉस्टल में रह कर बाल वाले खाने की लत्त ठीक उसी प्रकार लगी है जैसे की कैलाश खेर को प्रीत की लत्त लगी थी, यह सुन कर सभी घरवाले आश्चर्यचकित रह गए !
इस घटना के बाद घरवालों ने बेटे का ख़ास ख्याल रखना शुरू कर दिया है और घर की औरतों ने कंघी करने के बाद अपने बालों को एक जगह एकत्रित करके बेटे की सब्ज़ी में डालना भी शुरू कर दिया है
इंसान को बाल की लत्त भी लग सकती है ये आज से कुछ वर्ष पहले शायद ही किसी ने सोचा होगा!