बड़ी खबर आ रही है इंदौर से जहाँ दशहरे के लिए चंदा लेने आये सोसाइटी के लोगो क़ो पिता ने कुम्भकरण का पुतला बनाने के लिए अपना बेरोज़गार बेटा दे दिया।
दरअसल, बेटा इंजीनियरिंग करके चार साल से बेरोज़गार था और बस खाता और सोता था जिसके चलते सब घर परिवार वाले उसे कुम्भकरण बोलने लगे थे। ऐसे में सोसाइटी वाले चंदा लेने आये तो पिता ने पहले 100 रुपये की रशीद कटवाई मगर फिर उन्हें अपना बेरोज़गार बेटा देना ज़्यादा सस्ता लगा।
फॉक्सी से बात करते हुए बेरोज़गार बेटे ने कहा ‘(आकाश भाई सोये हुए युवक के मुह के आगे माइक लगाये हुए है और खर्राटे की आवाज़ आ ऋ है)’।
फ़िलहाल, बेरोज़गार बेटा दशहरे में कुम्भकरण बनने के लिए सोने की प्रैक्टिस कर रहा है।