महाराष्ट्र की राजनीति में जो कुछ हो रहा है वो किसी अब्बास मस्तान की फिल्मों से कम नहीं है, ढेर सारा सस्पेंस और हर रोज़ कहानी में आते नए मोड़ किसी फिल्म में भी नहीं आए होंगे। ताज़ा परिस्थिति यह है कि देवेंद्र फडणवीस ने फिर एक बार मुख्यमंत्री पद जी शपथ लेली है और किस के समर्थन से? उनके घोर विरोधी अजित पवार के समर्थन से।
अजित पवार ने भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले कर सबको हिलाकर रख दिया है और शिवसेना के हसीन सपनों पर फिर एक बार पानी फेर दिया है। शिवसेना, कांग्रेस और ncp का खेल एकदम बढ़िया चल ही रहा था कि अजित पवार के इस कदम ने सब बर्बाद कर दिया ऐसे में सब चाहते हैं कैसे भी अपने बचे हुए विधायकों को टूटने से बचाया जाए व बहुमत सिद्ध करने अजित पवार को भी मानकर वापस लाया जाए।
विधायकों को भेड़ की तरह बसों में भरकर होटल लाया जा रहा है, कई अजित पवार समर्थक विधायकों के फोन बंद हैं और वे लापता हैं। ऐसे में अजित पवार को मनाने दिग्गज एनसीपी नेता उनके घर पहुंचे सभी को उम्मीद थी कि अच्छी खबर आएगी मगर 1 घंटे बाद अभ वो भी लापता हैं और उनका फ़ोन भी बंद आ रहा है।
नेहलों पर दहले मारने के इस खेल में कब क्या होगा कोई कह नहीं सकता, अब अजित पवार को मनाने पार्टी किसी और को भेजना नहीं चाहती वरना एक एक कार सारे नेता कम हो जाएंगे और फडणवीस सरकार को बहुमत सिद्ध हो जाएगा।