भारतीय क्रिकेट अपने बेहतरीन वक़्त से तो एक बड़े बदलाव के दौर से गुज़र रहा है, अभी अभी बंगाल टाइगर दादा सौरव गांगुली ने bcci अध्यक्ष पद संभाला है जिस से क्रिकेट जगत में काफी खुशी है। आते ही दादा ने चयनकर्ताओं की एक आपातकालीन मीटिंग बुलाई थी ताकि आगे होने वाले चयन में मुद्दे और लक्ष्य स्पष्ट हो सके मगर एक ऐसी वजह से मीटिंग को कैंसिल करना पड़ा जिसे सुन खुद दादा स्तब्ध रह गए।
दरअसल दादा भी आपकी तरह नहीं जानते थे कि भारतीय टीम के लिए खिलाड़ियों का जो चयन होता है वो दरअसल चयनकर्ता नहीं श्रीमती कोहली यानी बॉलीवुड अभिनेत्री अनुष्का शर्मा करती हैं बाकी चयन करता तो उनके लिए चाय नाश्ते के इंतेज़ाम करते हैं। अब जब अनुष्का ही नहीं थी तो बाकी चयनकर्ताओं ने भी हाथ खड़े कर लिये और दादा से कहा हम कोई निर्णय नहीं ले पाएंगे क्योंकि हमने कभी लिए ही नहीं हमसे न हो पायेगा। इसके बाद दादा ने कोहली से बात कर अनुष्का को बुलाने की कोशिश की मगर अनुष्का अपनी ऎड की शूटिंग में व्यस्त होने के कारण भारतीय टीम के चयनकर्ताओं की मीटिंग को रद्द करना पड़ा।
अनुष्का के चयन प्रक्रिया में एक छत्र राज करने वाले दावे को साबित किया भूतपूर्व महान खिलाड़ी फारुख इंजीनियर ने। फारुख कहते हैं चयनकर्ता सिर्फ अनुष्का के लिए चायपत्ती का चयन करते हैं खिलाड़ी का चयन उनकी श्रीमती के प्रति सेवा पर निर्भर रहता है। इस दावे में काफी दम इसलिए भी लगता है क्योंकि अचानक विश्वकप जैसी प्रतियोगिता में विजय शंकर जैसे खिलाड़ी जिसको आप अपनी गली की टीम में न शामिल करें उनको अम्बाती रायडू जैसे बल्लेबाज़ के बदले टीम में भेजा गया। माना जा रहा है विजय शंकर एक साथ 20 शॉपिंग बैग उठा सकते हैं और इसका उन्हें फायदा मिला।
और फिर कुंबले जैसे महान कोच की जगह रवि शास्त्री का अपॉइंटमेंट हो या टीम में टिकटोक बॉय के एल राहुल का चयन यह सब अनुष्का जी की मेहरबानियों का नतीजा लग रहा है। ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में लोग नेट में बैटिंग की जगह चापलूसी क्लास जॉइन कर टीम इंडिया में भर्ती होते रहेंगे।