दोस्तों, बैड्स ऑफ़ बॉलीवुड को लेकर सोशल मीडिया के पेज़ेज़ ने आर्यन ख़ान की ऐसी हवा बना दी कि लगने लगा इंडिया में सत्यजीत रे के बाद कोई डायरेक्टर आया है तो वो है आर्यन ख़ान। हालांकि, शो देखकर बाद पता चलता है कि या तो शाहरुख़ ने इन पेज़ेज़ को पनीर बांटा होगा या आर्यन ख़ान ने अपना वाला माल। शो के 3 एपिसोड तो फिर भी ठीक हैं लेकिन उसके बाद तो शो ऐसा बदलता है जैसे किसी ने SRK की फ़िल्म का ट्रेलर दिखाकर KRK की फ़िल्म दिखा दी हो। हालांकि, शो देखकर ये साफ़-साफ़ पता चलता है कि आर्यन ख़ान ने अपने ड्रग्स वाले केस से काफ़ी सीख ली है। क्योंकि ड्रग्स वाले केस में उनको जितनी गालियां पड़ीं वो सब सीखकर उन्होंने इस शो में डाल दीं। इस शो में कैरेक्टर्स इतनी गालियां देते हैं कि ऐसा लगता है कि बॉलीवुड मुंबई में नहीं बल्कि दिल्ली में है। फ़िल्म में बॉलीवुड सेलिब्रिटीज़ के इतने कैमियो हैं कि ये शो वेब सीरीज काम और फ़ैब्युलस लाइफ़ ऑफ़ बॉलीवुड वाइव्स का नया सीज़न ज्यादा लगता है। और तो और इस शो की एंडिंग इतनी घटिया और वाहियात है कि आपको पता चल जाएगा कि आर्यन ख़ान ने वो आदतें अभी भी नहीं छोड़ीं क्योंकि ये एंडिंग कोई बिना नशे के तो नहीं लिख सकता। ओवरऑल, ये शो कम्पलीट करने के बाद बस आप यही मनाएंगे की कि काश सरकार उल्लू, ऑल्ट बालाजी जैसे ऐप्स के साथ नेटफ्लिक्स भी बैन कर देती।
Ba*ds of Bollywood Honest Review
