दोस्तों, धुरंधर में एक डायलॉग है कि हिन्दुस्तानी का सबसे बड़ा दुश्मन खुद हिन्दुस्तानी है, पाकिस्तान तो दूसरे नंबर पर आता है और रणवीर सिंह का भी सबसे बड़ा दुश्मन खुद रणवीर सिंह है, रणबीर कपूर का PR तो दूसरे नंबर पर आता है। रणवीर के कांतारा वाले कांड की वजह से अच्छी-खासी फ़िल्म की मोमेंटम डिरैल हो गई। धुरंधर 2025 की इकलौती मूवी है जो सही मायनों में एक मासी मूवी है क्यूँकि ये सबको पसंद आएगी चाहे कैज़ुअल व्यूअर हो या सिनेफाइल।
फ़िल्म के ट्रेलर से ही पता चल गया था कि फ़िल्म की कास्टिंग कितनी जबरदस्त है, और सभी एक्टर्स ने इतना ही जबर्दश्त काम किया है कि फ़िल्म में उनके एंट्री सीन से ही पता चल जाता है कि ये कोई हल्के में लेने वाली पार्टी नहीं है हैं। ऐसी फ़िल्मों में तो तभी मज़ा आता है जब फ़िल्म का विलन तगड़ा हो और इसमें तो 3–3 हैं। फ़िल्म की स्टोरी थोड़ी सी familiar लग सकती है लेकिन आदित्य धार ने फ़िल्म को इतने नए तरीक़े से प्रेज़ेंट किया है कि फ़िल्म बिलकुल फ़्रेश और ग्रैंड लगती है, साथ ही फ़िल्म के ट्विस्ट–टर्न्स फ़िल्म को बिलकुल भी प्रेडिक्टेबल नहीं होने देते।
हालाँकि, फ़िल्म में भर-भर के गालियाँ हैं तो फ़ैमिली के साथ जाने से पहले एक बार सोच लेना, वरना तुम्हारा पापा तुम्हें शायद उससे भी गंदी–गंदी गालियाँ सुनाए। फ़िल्म में लव स्टोरी थोड़ी बोरिंग लग सकती है लेकिन वो इसलिए क्योंकि बाकी की फ़िल्म इतनी ज़्यादा एक्साइटिंग है। फ़िल्म के गानों की ही तरह फ़िल्म का बैकग्राउंड म्यूज़िक भी ज़बरदस्त है।
हालाँकि फ़िल्म साढ़े तीन घंटे से भी ऊपर की है तो हो सकता है इसमें तुम्हें फ़ाइनली थिएटर से कुछ खाने के लिए खरीदना पड़ जाए, तो पैसों का जुगाड़ पहले से करके जाना। और हाँ, अगर इतनी बड़ी फ़िल्म देखने के बाद भी हिम्मत बची हो तो ख़त्म होते ही निकल मत जाना क्योंकि फ़िल्म में पोस्ट-क्रेडिट सीन भी है जो अगली फ़िल्म को सेटअप करती है।
ओवरऑल फ़िल्म बिलकुल थिएटर में देखने लायक है और अभी तो मंथ स्टार्टिंग भी है, तो जाओ भाई—सैलरी कहीं सही जगह उड़ाओ।




