पड़ोसी मुल्कों में ज़्यादा मशहूर न्यूज़ वेब्सायट क्विंटी ने एक स्टडी में पता लगाया है कि गणपति महोत्सव में बजने वाले लाउड्स्पीकर, अजान के वक़्त बजने वाले लाउड्स्पीकर से ज़्यादा ख़तरनाक होता है।
हमने स्टडी करने वाले शेखर मेनन से बात करी उन्होंने बताया “देखिए इसमें ग़ुस्सा होने वाली या धार्मिक ठेस पहुँचाने वाली कोई बात नहीं है। यह फ़ैक्ट है। गणपति महोत्सव में होने वाला लाउड्स्पीकर के हल्ले की हर साल आठ हज़ार से ज़्यादा शिकायतें आती है। जिसमें से तीन हज़ार केवल रात में समय सीमा से ज़्यादा देर लाउड्स्पीकर की शिकायत होती है। हमने इसका प्रॉपर सर्वे किया है और तभी इस निष्कर्ष पर पहुँचे है। जबकि अजान के वक़्त बजने वाले लाउड्स्पीकर की शिकायतें इतनी नहीं है, क़रीब-करीब ना के ही बराबर है।”
ना के बराबर तो होंगी ही, कम्प्लेंट करने की इच्छा करने वालो को या तो सोनू निगम की तरह या तो गंजा करने की धमकी दे दी जाती है या फिर कम्प्लेंट करने वाले फिर दिखायी ही नहीं देते। ऐसे में कम्प्लेंट करेगा भी कौन?
क्विंटी की इस स्टडी की काफ़ी लोगों ने तारीफ़ करी है, हालाँकि एक स्टडी ऐसी भी है कि अगर क्विंटी वेब्सायट नहीं अख़बार होता तो उसका सबसे ज़्यादा इस्तेमाल कम पानी वाली जगहों पर सुबह-सुबह किया जाता।