बड़े बुजुर्ग कह गए है कि इंसान को बोलने से पहले कई दफा सोचना चाहिए क्योंकि आपकी जबान से निकले शब्द आपको फूलों की माला पहना सकते है और जूतों की भी।
ऐसा ही एक वाक्या बिहार के मधुबनी जिले में हुआ जहाँ एक शख्स ने 26/11 की घटना पर आयोजित सभा पर कसाब को कसाब बोला कसाब नाम है तो बंदा कसाब ही बोलेगा पर उस शख्स ने “क” के बाद “साब” शब्द पर ज्यादा जोर दिया जिससे वहाँ मौजूद कुछ बीजेपी कार्यकर्ता भड़क गए और उसे पीटने लगे। आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने हमारी सवांददाता टीम को बताया कि वो कसाब एक आतंकवादी था और किसी आतंकवादी को साब कहके सम्बोधित करना देशद्रोह है,वो चाहता तो उसे “कसूद” बोल सकता था और हम समझ जाते पर उसने जानबूझ कर हमारी भावनाओं को आहत किया।
जैसे तैसे ये मामला ठंडा पड़ा था कि कसाब को कसूद बोलने पर लॉक डाउन के समय दिल्ली से बलिया आये कुछ युवकों ने एतराज किया, वो बोले कसूद बोलकर उन्होंने हमारे भगवान सोनू सूद का अपमान किया है और ये हमें बर्दाशत नही कसाब को कसाब बुलाया जाए।
अंत मे सभा आयोजक छुट्टन काका ने ये कहकर मामला शांत कराया कि कसाब बोलने वाला शख्स नेपाली है और वो आदतन सबको साब साब कहता है तब जाके मामला शांत हुआ।
फाक्सी रिपोर्ट