कश्मीर पर फिलहाल लगभग पूरी दुनिया की नज़र है और हो भी क्यों न हो एक के बाद एक होती घटनाएं कुछ बड़ा होने का इशारा जो कर रही हैं। कश्मीर का मुद्दा इतना रोमांचक हो चुका है कि सरकार ने हाल ही में अपील कर दी थी कि कमज़ोर दिल वाले कश्मीर की खबरें न पढ़ें न सूनें। हर रोज़ आ रहा एक नया मोड़ न जाने कितने सवालों व कहानियों को जन्म देता जा रहा है।
इसी सिलसिलेवार होते आ रहे फैसलों और आदेशों की कड़ी में कल एक और आदेश आया कश्मीर सरकार द्वारा जिसमें सभी अमरनाथ यात्रियों व पर्यटकों से जितना जल्दी हो सके कश्मीर छोड़ने को कहा गया। जिसकर बाद राजनीतिक व कूटनीतिक गलियारों में तरह तरह के अंदेशे लगने लगे।मगर सभी एक बात से सहमत हैं कि कश्मीर में कुछ बड़ा होने वाला है। ऐसे माहौल में कश्मीर से बाहर के लोग इतने खौफ में हैं तो सोचें कश्मीरी नेताओं का क्या हाल हो रहा होगा
सूत्रों के मुताबिक महबूबा मुफ्ती डर के मारे कलमा पढ़ रही हैं तप उमर अब्दुल्ला को दस्त हो चुके हैं। और इसीलिए उमर के पिता फारुख ने पहली फुरसत में निकलने का सुजाव दिया। और दोनों अमरनाथ यात्रियों के एक जत्थे में शामिल हो गए । दोनों का प्लान सफल हो भी जाता और कश्मीर से निकल भी जाते मगर यात्रियों ने जय श्री राम और हर हर महादेव के नारे लगाने शुरू कर दिए। उमर और फारूख दुविधा में पड़े और जैसे तैसे अपने आपको छिपाते फिर रहे थे मगर किसी यात्री ने ये हरकतें देख ली और उसे संदेह हुआ तो उसने भारतीय सेना के जवान को सूचित कर दिया। जिसके बाद उमर और फारूख अब्दुल्लाह की शिनाख्त हुई और सेना ने गिरफ्तार कर के श्रीनगर भेज दिया।
फिलहाल दोनों बाप बेटों को नज़रक़ैद इसलिए रखा गया है कि दोनों कश्मीर छोड़ कर भाग न जाएं। किसी ने सही कहा था ” जो दूसरों के लिए गड्डा खोदते हैं , अक्सर वे खुद उसी में गिरते हैं ” आज यह कहावत उमर और फारूख अब्दुल्लाह पर बिल्कुल प्रासंगिक दिखाई पड़ती है क्योंकि आज कश्मीर में जो कुछ हालात हैं उसके लिए इनका योगदान भी कम नहीं है।