आजकल सोसल मीडिया में एक नया ट्रेंड चला है किसी भी प्रकार की आपदा आने पर उसके लिए राम मंदिर निर्माण हेतु इकट्ठा किये फंड को खर्च करने का दरअसल कुछ विशेष वर्ग के लोगो ने मस्जिद की जगह मंदिर के निर्माण को इस कदर से व्यक्तिगत लिया है जैसे उनके घर को तोड़कर मंदिर बन रहा हो।
ये लोग अक्सर राम मंदिर की जगह अस्पताल की वक़ालत करते रहते हैं और मंदिर निर्माण में इकट्ठा हुए श्री राम के भक्तों का पैसा दूसरे कार्य मे खर्च कराने के बहाने ढूंढते है। मानसिक रुप से दिवालिया ये लोग निजी जीवन मे भी ऐसी हरकतें कर देते हैं जिससे वो हंसी के पात्र बन जाते है जिसका ताजा उदाहरण ये दिल्ली में घटी घटना है।
दिल्ली में रहने वाली एक महिला ख़ुशी देवी निजी अस्पताल में प्लास्टिक सर्जरी कराने पहुंची, ऑपरेशन से पहले जब रिस्पेशन में इलाज के 2 लाख एडवांस जमा कराने को कहा गया तो वो बिफर पड़ीं। खुशी देवी ने कहा इस कोरोना काल में उनके बुटीक को काफी नुकसान हुआ है और वो इलाज के पैसे देने में असमर्थ हैं अतः इलाज में होने वाले खर्च को राम मंदिर निर्माण के मद से भुगतान किया जाए।
खुशी ने आगे कहा जरूरी क्या है मंदिर या मेरी प्लास्टिक सर्जरी, महिला की बातें सुनकर डॉक्टर का पारा चढ़ गया और उन्होंने खुशी देवी की चमड़ी उधेड़ दी उधर नर्स ने भी जब देखा कि मरीज खुद इलाज के पैसे दूसरे से लेने को कह रहा तो उसे कोई बख्सीस नही मिलेगी तो उसने भी डॉक्टर के साथ महिला की कुटाई कर दी।