वैसे तो कांग्रेस पार्टी और उनके प्रिय पत्रकार देश मे लोकतंत्र को लेकर चिंतित रहते हैं जैसे लोकतंत्र नामक चीज़ कांग्रेस ने ही दुनिया को 1975 में आपातकाल के दौरान दी हो। आये दिन भाजपा पर आरोप लगाते है की उनके शाशन में हिंसा, मीडिया पर दबाव व असहिष्णुता बढ़ती जा रही है। मगर इतिहास गवाह है कि कांग्रेस एक वो हाथी है जिसके खाने और ब्रश करने के दांत अलग हैं। इसीका उदाहरण आज उत्तर प्रदेश में हमें देखने को मिला।
हुआ कुछ यूं कि एबीपी न्यूज़ के पत्रकार जो कांग्रेस कवर करते हैं वो हर बार की तरह प्रियंका को फॉलो करते हुए मौका मिलने पर हाल ही में बहुचर्चित धारा 370 जो कश्मीर से हटा दी गयी है उसपर सवाल पूछ बैठे। बस इतनी सी बात पर प्रियंका ने तो जवाब देने से ही इनकार कर दिया मगर उनके स्वयंघोषित अंगरक्षक के रूप में संदीप सिंह आ गए और पत्रकार को धमकाने लगे कुछ इस अंदाज में …. “एक ठोक के बजायेंगे जोर से, मारूंगा तो यहीं गिर जाओगे”
इतनी बड़ी आपत्तिजनक घटना के बाद भी क्रांतिकारी पत्रकारों के कानों पर जूँ तक नहीं रेंगी जो कि सभी को पता था। मगर राहुल गांधी प्रियंका और संदीप के बचाव में आ खड़े हुए और वो दलील दी जिसे पढ़ने से पहले पाठकों को अपने डॉक्टर से मशवरा ज़रूर कर लेना चाहिए। राहुल कहते हैं…. “देखो भैया, जैसा कि सभी जानते हैं मोदी जी के राज में कोई सुरक्षित नहीं है देश मे चारों तरफ डर का माहौल है। खासकर ईमानदार पत्रकारों को ज़्यादा खतरा है। तो कांग्रेस उन सभी को ट्रेनिंग देना चाहती थी ताकि वे किसी से न डरें और इसीलिए प्रियंका और संदीप ने जानबूझ कर ऐसी डरावनी स्थिति खड़ी की ताकि वह पत्रकार भविष्य में कभी घबरायें न।”
वैसे आपको बता दें कि संदीप वही शख्स हैं जो भूतपूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को काले झण्डे बता चुके हैं। और हाल में राहुल गांधी के भाषण लिखते हैं, मगर यह बात पचाना उतना ही मुश्किल है जितना पत्थर पचाना क्योंकि राहुल के भाषण एक तरफ लोगों को हंसा हंसा कर व गुदगुदा कर लोटपोट कर देते हैं तो वहीं संदीप के जो आज तेवर थे वे किसी C ग्रेड हिंदी फ़िल्म के गुंडे जैसे थे।
मगर जो बहाना राहुल ने प्रियंका और संदीप का बचाव करते हुए दिया है उस से एक बात तो साफ है कि देश मे चाहे कुछ हो जाये…. अर्थव्यवस्था ऊपर जाए, नीचे जाए…. चुनाव जीते जाएं या हारे जाएं भैया मनोरंजन में कमी आए तो कहना।