एजेंसी. मनोचिकित्सक डगलस बेरी के तीनों बच्चों को पहले से पता था कि उनके पिता आज रात को देर से घर आने वाले हैं, यही वजह है कि उन्होंने अपने डैड का इंतजार नहीं किया और खुद खाना बनाया और खाकर चुपचाप सो गए।
आज सुबह हमने उनके छोटे बेटे पीटर से बात की। “कैसे पता चला कि तुम्हारे डैडी लेट से घर आएंगे?” -ऐसा पूछे जाने पर उसने बताया कि, “डैडी ने हमें पहले ही बता दिया था, उन्होंने कहा था कि कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी का लेक्चर होने वाला है, जैसे ही लेक्चर खत्म होगा सारे मरीज मेरी ही क्लीनिक पर इलाज के लिए आएंगे! इसलिए तुम लोग डिनर पर मेरा वेट मत करना, खाना खाकर, कुंडी लगाकर सो जाना!” -कहते हुए पीटर उछलने लगा।
पीटर से बात करने के बाद हमने सीधे डगलस से संपर्क किया। “कल कितने रुपये का धंधा किया?”- ये पूछे पर अधेड़ उम्र के एक बंदे को सफेद रंग की गोली पकड़ाते हुए डगलस ने बताया कि, “क्या बताऊँ भाईसाब! जरा भी आराम नहीं है, कमर सीधी करने का भी मौका नहीं मिल रहा! अगर इसी रफ्तार से मरीज आते रहे तो मुझे नया स्टाफ रखना पड़ जाएगा!
वैसे अभी धंधा अच्छा चल रहा है, पिछले बीस साल से इस इलाके में डॉक्टरी कर रहा हूँ, इतनी ग्राहकी कभी नहीं देखी! गल्ले पर दो बंदे सिर्फ ‘पाउंड’ गिनने के लिए बिठा रखे हैं!” -कहते हुए वो नये मरीजों का स्वागत करने लगा।
हालाँकि अब तक ये पता नहीं चला है कि ये लोग पहले से दिमाग के मरीज थे या राहुल गांधी का लेक्चर सुनने के बाद ऐसे हुए हैं लेकिन माना जा रहा है कि पहला कारण ही सही हो सकता है। उधर, कांग्रेस पार्टी ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि राहुल गांधी जी जहाँ भी जाते हैं उस इलाके का बिजनेस बढ़ जाता है, अगर वो प्रधानमंत्री बन गए तो देश की GDP भी तेजी से आगे बढ़ेगी।