किसान बिल का विरोध करके सस्ती पब्लिसिटी लूटने वाले कृत्रिम किसान नेता राकेश टिकैत एक बार फिर से सुर्खियों में है, इस बार वो “आंदोलन में असली किसान कहाँ है?” के जवाब में झोटा गाड़ी पर फास्ट टैग लगाने की वकालत कर रहें है जिससे असली किसान भी उनके आंदोलन में आ सके और भाड़े पे लाए नकली किसानों के खर्च में कमी आ सके
दरअसल किसान आंदोलन में असली किसान ही गायब था, महंगी गाड़ियों से आंदोलन में भाग लेने आये किसान नही बल्कि जमींदार लग रहे थे इसलिए राकेश टिकैत ने प्रोटेस्ट असली लगने के लिए कुछ किसानों को आने के लिए आग्रह किया पर झोटा गाड़ी को टोल टैक्स पर रोके जाने की वजह से वो आने में असमर्थ रहे
हमारे संवाददाता से बातचीत के दौरान जब राकेश टिकैत से ये सवाल किया गया के “लोग कह रहे हैं कि असली किसान तो खेतों में काम कर रहा है, यहां टिकैत जी के साथ जो बैठे हैं तो या तो बिचौलिए हैं या अमीर किसान जिनको इस बिल से कोई खास नुकसान नहीं होगा, इसके बारे में आपको क्या कहना है”?
टिकैत का जवाब सुनकर सरकार भी सकते में आ गयी सुनिए जवाब उन्ही की जबानी “असली किसान कहां सु आवगा, अक हम भी तो न्यू ई के रे अक सरकार किसान प जुल्म कर री, सरकार कु पता है अक असली किसान के धौरे टैक्टर नी, गड्डी नी उ किसकर आऊगा रैली में, अर समझ री हम बावले हैं, मैं सरकार से अपील करू हूँ अक झोटा गाड़ी के लियो भी फास्टैग जारी करे जाँ। हाईवे पे चढ़न नी देते झोटे कु, किसकर पोचेंगे असली किसान गाजीपुर”!!
अब देखना होगा कि सरकार का इसपर क्या कहना है
फाक्सी रिपोर्ट