राम मंदिर पर एतिहासिक फैसला आने पर जहाँ एक ओर रामभक्तों का दिल गार्डन गार्डन हो गया वहीं दूसरी ओर JNU के अधेड़ छात्र छात्राओं के अरमां आसुंओ में बह गए।
अब केंद्र सरकार रामजन्म भूमि पर भव्य मंदिर बनाके उसे स्टैचू ऑफ़ लिबर्टी की तरह पर्यटन स्थल विकसित कर राजस्व बढ़ा के अर्थव्यवस्था मजबूत करना चाहती है, उसी तरह भिखारी समुदाय भी मंदिर पर गिद्ध जैसी नजरे गड़ाये हुए है।
वजह साफ है कि ज्यादा श्रद्धालुओं के आने से भिखारियों की आमदनी में भी इजाफा होगा, इसी कारण से 2 अंतर्राज्यीय भिखारी गिरोहों में मंदिर प्रांगण में जगह को लेके तनातनी हो गई।
कानिया गिरोह के भिखारी मंदिर की सीढ़ियों के पास जगह चाहते थे ताकि वो भीख के साथ साथ चप्पल जूता भी चोरी कर सके पर सत्तू लंगड़ गिरोह के भिखारी उन्हें अयोध्या बस स्टैंड के पास जगह दे रहे थे।
कानिया गिरोह ने इसका विरोध करते हुए कहा स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी में वो पहले ही कम्प्रोमाइज कर चुके हैं जिससे उन्हें सालाना 1 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा पर यहाँ वो नही झुकेंगे।
बातचीत से हल न निकलने पर दोनों भिखारी पक्ष ने अदालत की शरण ली।
खबर लिखे जाने तक सेशन कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए दोनों पक्ष को फटकार लगाई और कहा ” सड़कों पर खम्भे गड़े नही कुत्ते आ गए टांग उठाके मूतने “।