जब से अमित शाह ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया है तब से घाटी के एक विशेष वर्ग जिन्हें पत्थरबाजों के नाम से जाना जाता है खलबली मच गई है, ये पत्थरबाज दिहाड़ी के हिसाब से पत्थर फेंकते चले आये है अपने पूर्वजों की तरह घाटी में कर्फ्यू लगने के कारण अब ये भुखमरी की कगार पे है क्यूंकि इनको रोजगार मुहैय्या कराने वाले उमर अब्दुल्ला, महबूबा के खुद की रोटी के वांदे हो गए।
ऐसी परिस्थितियों में हर कोई राजनीतिक दल कश्मीरियों के दिल में बसना चाहता है कश्मीरियों की हितों में बात कर रहा है जब सभी दल अपनी रोटियां सेक रहे हैं तो हमारे प्रिय अरविंद केजरीवाल जी कैसे पीछे रह जाते उन्होंने भी मनीष सिसोदिया के साथ मीटिंग करके एक नया फैसला लिया है।
ऐसे विकट समय में केजरीवाल जी इन पत्थरबाजों के मसीहा बन के सामने आये है, उन्होंने कल एक आधिकारिक घोषणा करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने इन पत्थरबाजों का रोजगार छीना है जिससे इनकी पत्थर फेंकने की बरसों से चली आ रही प्रथा लुप्त होने की कगार में है।
अरविंद केजरीवाल के घर पर काम करने वाले कश्मीरी युवक से अरविंद केजरीवाल ने कुमार विश्वास के कट आउट पर पत्थर फिकवा कर कश्मीरी प्रतिभा की जांच करी और बोले ये तो अदभुत है।
उधर मनीष सिसोदिया ने कहा दिल्ली सरकार ने फैसला लिया है दिल्ली में 10 हजार आम के पेड़ लगाए जायेंगे ताकि वो पत्थरबाजी की प्रैक्टिस चालू रखे, वैसे भी शाह ने कहा कि ये अस्थायी फैसला है, कल को शायद फिर धारा 370 लागू हो जाए तो पत्थरबाज सेना पर पत्थर फेंकना न भूले।