तजिंदर पाल सिंह बग्गा, जब इंसान ये नाम सुनता है तब सबसे पहले उसके दिमाग में यही आता है की हे भगवन! आज पता नहीं कोनसी ऐप डिलीट करनी पड़ेगी
चपाती हलकी सी कम पकने पर स्विग्गी का बायकाट, जोक पसंद ना आने पर कपिल शर्मा शो का बायकाट, होटल में फ्री का साबुन ना मिलने पर जे डबलू मैरियट का बॉयकाट, और तो और एक बार अभी कंपनी की डेवलपमेंट फेज़ में चल रही ऐप का भी बग्गा ने बायकाट कर दिया था।
नालासोपारा के प्रसिद्ध कॉलेज द्वारा की गयी रिसर्च के मुताबिक प्ले स्टोर में भी इतनी ऐप्स नहीं हैं जितनी ऐप्स का बहिष्कार तजिंदर बग्गा जी कर चुके हैं
एक बार तो हलकी सी अन्न-बन्न होने पर तजिंदर बग्गा ने अपनी प्रेमिका का भी बायकाट कर दिया था, ये तो इन्हे बाद में पता चला की ‘प्रेमिका’ नामक कोई ऐप ही नहीं होती है तब जाकर इनकी प्रेमिका को थोड़ी तसल्ली हुयी थी।
बात बात पर ऐप बायकाट करने का ट्रेंड चलने वाले तजिंदर बग्गा को पिछले कुछ दिनों से कोई ऐप बायकाट करने को नहीं मिल रही थी जिसके चलते इसके मन में काफी निराशा थी, लेकिन धन्यावाद करना होगा एप्पल के आईफोन का, जिसकी मेमरी फुल होने में उतना ही टाइम लगता है जितना की घुंघरू सेठ को अपनी ज़ुबान से मुकरने में।
जब बग्गा जी को पता चला की उनके मोबाइल की मेमरी फुल हो गयी है तो उनमे तुरंत ख़ुशी की लहर ठीक उसी प्रकार आ गयी जैसे मानो राजस्थान में रहने वाले व्यक्ति ने 5 लीटर पानी एक साथ देख लिया हो. तजिंदर बग्गा जी फिलहाल अक्कड़ बक्कड़ बम्बे बो करके तय करेंगे की किस एप का बहिष्कार करना है और ट्विटर पर किस हैशटैग का ट्रेंड चलाना है।
हमे भी डर है कही इस न्यूज़ को पढ़कर बग्गा जी फौक्सी का बॉयकॉट न कर दे!