विश्व रक्तदान दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ से एक चौकाने वाली घटना सामने आई है , जहां एक छुट्टन पांडेय नामक युवक ने रक्तदान करने के पश्चात बिस्कुट न मिलने पर गुस्से में बदला लेते हुए अपने द्वारा दान किये गए रक्त को बोत्तल मुह से लगाकर पी गए।
हालांकि यह बात भी किसी से छिपी नहीं है रक्तदान के अवसर पर बिस्कुट बांटने में भारी भ्रष्टाचार होता आया है , और ज़्यादातर लोग बिस्कुट खाने के इरादे से ही रक्तदान करते हैं । सरकारों ने भी गत वर्षों में बिस्कुट की गुणवत्ता व मात्रा बढ़ाने पर ज़ोर दिया है ताकि छुट्टन जैसे लोग भी भारी मात्रा में रक्तदान करें।
मगर ऐसा पहली बार सुन ने में आया है कि किसी ने रक्तदान कर कर अपना खून वापस ले लिया हो और वापिस क्या छुट्टन तो मुह लगाकर पी ही गए। मामला संगीन था तो फौक्सी की टीम भी निकल पड़ी छत्तीसगढ़ के जंगलों में छुट्टन को ढूंढने और काफी मशक्कत के बाद एक पेड़ पर उल्टे लटकते मिल ही गए छुट्टन ।
जब हमारे संवाददाता अमित दी वेबसाइटिया ने छुट्टन से पूछा आपने ऐसा क्यों किया तो यह पूछने पर छुट्टन भावुक हो उठे और कहा पारले जी बिस्कुट हमारी आस्था का विषय है और आज सुबह बिना ब्रश किये इसीलिए हम रक्तदान करने गए थे वरना मुझे तो खुद आये दिन खून की ज़रूरत पड़ती रहती है। मगर बिस्कुट के नाम पर जो धोखा हुआ वो में बर्दाश्त नहीं कर पाया व अपने आप को ठगा हुआ महसूस किया। और बचपन से सीखा हुआ था किसी का हिसाब बाकी नहीं रखते सो मैंने भी अपना खून वापिस ले लिया।
फौक्सी आज सरकारों से अपील करता है , बिस्कुट के भ्रष्टाचार पर नकेल कसे वरना आज के युवा का रक्तदान से विश्वास उठ जाएगा। जय हिंद ।