पाकिस्तानी क्रिकेट टीम इस वक़्त ऐसे वक्त से गुज़र रही है जिस वक्त से मानो अध्ययन सुमन का फिलमी कैरियर गुज़रा था, मतलब हर कोई थूंक रहा है । वैसे तो इस पाकिस्तान टीम ने पिछले कुछ सालों में सिवाय हारने के कुछ किया नहीं है मगर क्योंकि यह विश्वकप है लोग कुछ ज़्यादा ठुकाई कर रहे हैं।
और यह ठुकाई ने शाब्दिक हिंसा का रूप तब ले लिया जब पाकिस्तान की टीम भारत से हार गई। बस फिर क्या था पाकिस्तान की अवाम यह बात बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर सकी और ऐसे बर्ताव करने लगी जैसे भारत से पहली बार हारें हों। रही सही कसर पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ियों ने पूरी कर दी न्यूज़ चैनल हो या यूट्यूब वीडियोस हर जगह पाक खिलाड़ियों को रगड़ा लगाया जा रहा है। ऐसे में शहीद अफरीदी कहाँ पीछे रह जाते।
शहीद वैसे भी अपने बड़बोले पन के लिए जाने जाते है। इस बार उन्होंने ने सबसे अलग हटकर पाक खिलाड़ियों को सलाह दे दी है। अफरीदी ने पाक खिलाड़ियों को अपने अनुभव से बताया कि जब आप विश्वकप से बाहर हो कर पाकिस्तान वापिस आएं तो एयरपोर्ट से सारे झुंड बनाकर चलें , कोई खिलाड़ी अकेला न घूमे ऐसा करने पर उनको काफी खतरा हो सकता है।
हालांकि अफरीदी की इस सलाह में दम तो दिखाई पड़ता है और कम से कम पाकिस्तान का इतिहास तो इसकी गवाही देता है। अब 96 का उदाहरण ले लीजिए जब पाकिस्तानी टीम की लैंडिंग लाहौर की बजाय कराची करा दी गयी थी क्योंकि लाहौर एयरपोर्ट पर लोग जूते , अंडे, टमाटर लेकर खड़े थे। और हालात इस बार भी कुछ ऐसे ही बन रहे हैं शायद इसलिए अफरीदी ने यह सलाह दी होगी।
पाकिस्तान के अभी भी 4 मैच बाकी हैं मगर अभी से सरफ़राज़ एंड कंपनी को वापसी की चिंता सता रही है। और पाकिस्तान की मैचों से ज़्यादा दिलचस्पी लोगों उनकी वापसी पर होने वाले स्वागत में है।