ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच खेले जा रहे टेस्ट मैच के दौरान ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानिया उस समय झेंप गए जब मोदीजी ने मैच के बीच में ही CAA कानून को घुसेड़ दिया। हुआ यूँ कि दोनों प्रधानमंत्री कमेंटरी बॉक्स में बैठकर मैच के शुरुआती ओवर देख रहे थे। तभी ट्रेविस हेड ने गेंद को सीमा रेखा की ओर हवा में उछाल दिया। सब ताली बजाने लगे।
ये देखकर मोदी जी ने एंथनी से कहा- “एक्सीलेंसी, क्या आपको पता है कि अब ये गेंद कैसे वापस आएगी?” तो ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने कहा कि, “हाँ मोदी जी, बॉल बॉय गेंद लेकर आएगा या फिर कोई दर्शक गेंद को उठाकर वापस मैदान में फेंकेगा! जैसे आप फेंकते हैं!”
यह सुनकर मोदी जी ने कहा- “तीन सौ प्रतिशत गलत जवाब! ये समस्या उतनी सरल नहीं है जितना आप समझ रहे हैं, इसके लिए CAA कानून लाना पड़ेगा तभी गेंद को वापस मैदान में लाया जा सकता है!”
यह सुनकर एंथनी का माथा ठनका। “क्या बात करते हैं मोदीजी? ऐसे कैसे हो सकता है? इसका CAA से क्या लेना-देना?”- इस पर मोदीजी ने उन्हें समझाया कि, “एंथनी मेरे दोस्त! मामले को समझने की कोशिश कर!
सत्तर साल तक इस समस्या को दबाकर रखा गया है, हमारी सरकार चुनौतियों से लोहा लेने वाली सरकार है, हम एक बार में ही फिक्स कर देना चाहते हैं कि जो बाहर चला गया है उसे अंदर कौन लाएगा? कैसे लाएगा? और जो अंदर है उसे बाहर कैसे भेजना है?
बस, इतनी सी बात है, अब आप ही बताइए, CAA में कुछ खराबी है क्या? ये तो क्रिकेट से जुड़ा हुआ कानून है?” -मोदी जी ने मक्खन लगाते हुए कहा।
“.. लेकिन मैंने तो सुना था कि अवैध बंग्ला…!” -एंथनी ऐसा कह ही रहे थे कि मोदीजी ने उनका हाथ पकड़ लिया और टोकते हुए बोले- “आप शक बहुत करते हैं, इस मुद्दे पर हमारा समर्थन कीजिए और प्रभु के गुण गाइए!” -कहते हुए मोदीजी ने उन्हें चाय पकड़ा दी।
“ठीक है मोदीजी! अगर ऐसी बात है तो आप ले आइए CAA का कनून, जिनको अंदर लेना है ले लीजिए और जिनको बाहर भेजना है भेज दीजिए! हमको कोई आपत्ति नहीं है और ना हमारी सरकार को है! कुछ भी हो, मनोरंजन में कमी नहीं होनी चाहिए!” -एंथनी ने चाय की चुस्की लेते हुए कहा।
दोनों फिर से मैच का आनंद लेने लगे। अपनी बात बनते देख मोदीजी के चेहरे पर कुटिल मुस्कान छा गई।