दिल्ली में बीती रात एक बड़ा हादसा हुआ जब एक घर की छत गिर गई। ऐसा छत में फेंकने के लिए इकट्ठा किए गए पत्थरों के वजन के कारण हुआ है । कई दिनों से यह लोग चलो पत्थर बरसाओ और शांति बनाओ के आधार पर कड़ी मेहनत कर रहे थे। घर में पैसे की कमी हो जाए लेकिन पालने के लिए बच्चे और फेंकने के लिए पत्थर की कभी कमी ना हो इस बात पर इस परिवार का विशेष ध्यान रहता था।
आधी रात को जब धड़ाम की आवाज के साथ छत को टूटता मोहल्ले वालों ने देखा तो उनको लगा जरूर छप्पर फाड़ के दौलत मिली होगी लेकिन माजरा कुछ और ही निकला । सुबह तक आधे पत्थर पड़ोसियों ने ही उठाकर अपने घर पर रख लिए थे ,लेकिन इस बार संभालते हुए घर की जमीन पर ही।
मोहल्ले वालों ने बताया यह आसपास का सबसे छोटा परिवार था जिसमें सिर्फ 12 सदस्य थे । इस घटना के बाद जो दूसरों के लिए पत्थर उठाता उसका खुद का सर फूटता जैसी नई कहावत लोग बोलने लगे हैं।