बाहुबली प्रभास की नयी फ़िल्म साहो रीलीज होते ही परेशानियो के घेरे में आ चुकी है। जहाँ एक तरफ़ लोग ऐसी घटिया फ़िल्म देख कर निर्मताओ को गाली दे रहे है वहीं दूसरी ओर साहो पर पाकिस्तान के साथ मिल लोगों के दिमाग़ बर्बाद करने का आरोप लग रहा है।
साहो के निर्माता डी सीरिज़ के मालिक सुंदर कुमार के ऊपर केंद्र सरकार ने यह इल्ज़ाम लगाया है। केंद्र का कहना है कि “बिना स्टोरी ऐसी फ़िल्म बनाना सीधा लोगों के दिमाग़ पर असर करता है। हमारे पास पुख़्ता सबूत है कि इसके पीछे ISI का हाथ है जिसने यह फ़िल्म बनाकर हमारी भोली-भाली जनता के दिमाग़ों को शति पहुँचायी है। कई लोगो ने साहो देखने के बाद ख़ून की उलटियों की शिकायत तक की है”।
सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल तक ने साहो के निर्मताओ का केस लेने से मना कर दिया है। उनका कहना है “साहो के निर्माता कई लीगल फ़र्म घूम कर मेरे पास आए थे लेकिन मैंने उन्हें किसी भी तरह की कोई मदद देने से मना कर दिया। यह बात सच है कि भारत सरकार के ख़िलाफ़ खड़े हर इंसान की मैं क़ानूनी मदद करता हूँ लेकिन इस फ़िल्म को देख कर मेरा ख़ुद का दिमाग़ ख़राब हो गया। और मैं नहीं चाहता कोई और कांग्रेसी इसे देखे क्यूँकि हमारी पार्टी में पहले ही एक राहुल गांधी मौजूद है”।
ऐसा ही एक मिलता जुलता केस RGV की आग के साथ भी हुआ था हालाँकि सबूतों के अभावों में राम गोपाल वर्मा को बरी कर दिया था।