बिहार हिंसा: शांति समिति की बैठक में शांति से शामिल हुए पत्थरबाज, कुछ दिन रेस्ट लेने का किया वादा

बिहार के सासाराम में रामनवमी के शुभ अवसर पर हुई पत्थरबाजी की घटना के बाद नीतीश कुमार की सरकार हरकत में आ गई है। पत्थरबाजों को कड़ा संदेश देने के लिए कई जगहों पर शांति समितियों की बैठक बुलाई गई जिसमें स्वयं पत्थरबाज भी शांति से शामिल हुए। इसी मीटिंग में यह निर्णय लिया गया कि राज्य के सभी पत्थरबाज अगले एक साल तक छुट्टी पर रहेंगे, इस दौरान कोई भी अप्रिय घटना राज्य में नहीं होगी।

पत्थरबाजों की इस घोषणा को राज्य सरकार ने अपनी उपलब्धि बताया है। द फॉक्सी से बात करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि, “देखिए! जहाँ पर भी बातचीत से कोई हल निकल सकता है तो हम भरसक कोशिश करते हैं कि शांति बनी रहे! पत्थरबाज खुद कह रहे हैं कि पत्थर फेंक-फेंककर हमारी बाजुओं में दर्द हो गया है, हम एक साल का रेस्ट लेंगे तो इसमें किसी को परेशानी क्यों हो सकती है?

हमने भी उनके इस फैसले का स्वागत किया है, शांति समितियों की एक दर्जन से ज्यादा बैठकें राज्य भर में हो चुकी हैं, इन बैठकों में जिन्होंने पत्थर फेंका और जिस पर फेंका, दोनों लोग शामिल हुए हैं, गवर्नेंस कि ऐसी मिसाल हमें नहीं लगता कि कहीं पर देखने को मिली हो!” -कहते हुए नीतीश जी तेजस्वी यादव से मिलने रवाना हो गए।

उधर, गृहमंत्री अमित शाह ने नीतीश को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि हमारी सरकार आई तो पत्थरबाजों को उल्टा लटकाकर सीधा किया जाएगा। जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के वन मंत्री तेजप्रताप यादव ने प्रश्न उठाया है कि जब किसी को उल्टा लटका दिया जाएगा तो फिर वो सीधा कैसे होगा? इस बात में कोई फैक्ट नहीं है।

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