टीम इंडिया इंग्लैंड में इस वक़्त अपना विश्वकप का लगभग सबसे बढ़िया प्रदर्शन कर रही है व अभी तक अपराजित रही है। फिलहाल सेमी फाइनल्स खेलने की कगार पर खड़ी भारतीय टीम को कहां पता होगा कि इतना अच्छा खेलने के बावजूद देश मे वाद विवाद हो जाएंगे। मगर वो भूल रहे हैं ये भारत देश है जहां विवाद तो ऐसे होते रहते हैं जैसे बारिश में घास , मानो कहीं से भी निकल आते हैं।
जी हां इस वक़्त जिस विवाद ने सुर्खियां बटोरी है वो भी अपने आप मे दिलचस्प है , क्योंकि भारतीय टीम अपने क्रिकेट इतिहास में पहली बार भगवा रंग की जर्सी पहनकर इंग्लैंड के खिलाफ मैच खेलने उतरेगी। वैसे तो यह विवाद का विषय नहीं होना चाहिए था मगर यहां पर आप रंग पर गौर कीजिए क्योंकि इस रंग का नाम सुनते ही इस देश के लिबेरल्स और तथाकथित सेक्युलरों की दारू जट से उतर जाती है।
यहां तक कि मानो टीम इंडिया बिना कपड़ों के भी मैच खेलती तो शायद इन्हें कोई दिक्कत नहीं होती मगर भगवा बर्दाश्त नहीं। फिर क्या था प्रतिक्रियाएँ tv , सोशल मीडिया से सामने आने लगी कोई नेता , कोई मूछों वाली फेमिनिस्ट , कोई स्टैंड उप कॉमेडियन सभी ने अलग अलग विरोध किया मगर सबसे बढ़चढ़कर और अनोखा विरोध किसी ने किया तो वो हैं ओवैसी साहब।
कहा जाता है एक ज़माने में ओवैसी साहब भी क्रिकेटर रह चुके हैं भले ही बल्ला थामना न आता हो मगर उन्हें इस विवाद में नहीं पड़ना था। मगर राजनीति भी करनी है तो कर दिया एलान उस गेरूए रंग की जर्सी के खिलाफ । कहा “इस देश मे हरा रंग भी बराबर का हिस्सेदार है उसको किराएदार की तरह मत समजिये। ”
साथ ही विरोध के तौर पर कहा इंग्लैंड के साथ खेले जाने वाले मैच में भगवा जर्सी हरगिज़ बर्दाश्त नहीं है और इसलिए उन्हीने ने हरे चश्मे का बंदोबस्त कर लिया है । सारा मैच उसी चश्मे को लगाए देखेंगे ताकि उन्हें हर खिलाड़ी में एक सेक्युलर हिंदुस्तानी दिखे न कि कोई भगवा आतंकी।
ओवैसी के इस कदम से हिंदू संगठन काफी सक्ते में हैं और इस से भी अजीबो गरीब हरकत करने की फिराक में हैं। फौक्सि आपको इस विवाद पर पलपल की अपडेट देता रहेगा , पढ़ते रहिये…