फिल्म अभिनेता शाहिद कपूर की फिल्म कबीर सिंह जहां बॉक्स ऑफिस पर कमाई के नए इतिहास रच रही हैंl वहीं कुछ सिरफिरी महिलाओं ने शाहिद कपूर की फिल्म पर कई सवालिया निशान लगाए हैंl शाहिद कपूर ने फिल्म में एक ऐसे लवर की भूमिका निभाई है जो अपनी गर्लफ्रेंड से जुनूनी हद तक प्यार करता हैंl
फिल्म में दिखाई गयी टॉक्सिक मस्कुलनीति ने कई फेमिनिस्ट्स को बेवजह भड़कने का एक और कारण दे दिया है!
हमारे अचूक विश्लेषण करने पर पता चला की इनमे से ज़्यादातर महिलाएं वही हैं जिनका वज़न देख कर ऐसा प्रतीत होता है जैसे आधा किलो के लिफाफे में डेढ़ किलो बूंदी भर दी गयी हो!
जब हमारे संवादाता गड़बी नलसोपारिया मौका-ए-वारदात पर पहुंचे तो उन्हें जो दिखाई दिया वे बेहद चिंतित एवं परेशान करने वाला था उन्होंने देखा की कई महिलाओं ने कबीर के दोहे वाली किताब ही फाड़ कर जलानी शुरू कर दी, जब संवादाता ने एक भड़की हुयी महिला, मलिश्का स्लैमबूकि से इसका कारण पूछा तो उससे कोई उत्तर न सूझा और हमारे संवादाता गड़बी जी को ही मीसोगिनिस्ट कह डाला, मगर उन्होंने बेइज़्ज़ती महसूस नहीं की,क्योंकि वो मदरसे से पढ़े हुए है !
अधिकतर महिलाओँ का कहना था की इसमें मर्दों को औरतों से उच्च दर्जे का दिखाया गया है जो सरासर गलत है और कई महिलाओँ ने तो ये भी कह डाला की आगे से जब भी शहीद कपूर महिला सशक्तिकरण की बात करें तो उन्हें उन्ही की फिल्म कबीर सिंह दोबारा दिखानी चाहिए
शहीद कपूर को एक किरदार निभाने के लिए इतना तिरस्कार करना कितना सही है ,और कितना गलत ये हमारी समझ से तो बाहार है! हम ये कह सकते है हमे अपना छिछोरा ओल्ड इंडिया वापस चाहिए!