जोधपुर ब्लू सिटी जयपुर पिंक सिटी वैसे ही कानपुर को भी रेड सिटी के नाम से जाना जाता है, ब्लू पिंक रेड इन शहरों की पहचान बन चुका है, इन शहरों की पहचान को कोई मिटाने की कोसिश करेगा तो कौन बक्शेगा।
ऐसा ही एक वाक़या देखने को मिला रेड सिटी के नाम से मशहूर हो रहे कानपुर में, गूटखे का पीक डस्ट बिन में थूक रहे ओयल कुमार उर्फ़ टारजन त्यागी को ट्यूरिस्ट पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ लिया। ग़नीमत रही की टारजन भीड़ के हाँथों पकड़ा नहीं गया, वरना सारी भीड़ कमला पसंद की लड़ी की माँग कर लेती।
कानपुर में हमारे रेपोर्टर रूष्ट कबीर सिंह ने घटना स्थल का दौरा कर हमें मामले की ज़्यादा जानकारी दी, हालाँकि कबीर सिंह ने ख़ुद किलो भर रजनीगंधा दबा रखी थी, क्योंकि उनका मानना है कि कानपुर में लोकतंत्र का पाँचवा स्तंभ सड़क पर गूटखे की पीक थूकना ही हैं।
कबीर सिंह के हाव भाव और इशारों से हम इस निष्कर्श पर पहुँचे की पूरे कानपुर में डस्टबीन में थूकने पर बैन लगा दिया गया है शहर को लाल रंग में रंगना है तो गूटखे की एक एक पीक दीवार और सड़क के अलावा कहीं नहीं गिरनी चाहिए। डस्टबीन में थूका जाना इस आदेश की अवहेलना थी तो लड़के की गिरफ़्तारी होनी ही थी। कानपुर पुलिस ने हेल्मेट तक बैन कर रखा है क्योंकि अमूल्य पीक थूकते समय लोग कयी बार हेल्मेट का काँच नीचे करना भूल जाते हैं।
शहरवासियों ने ओयल कुमार को राज्य से तड़ीपार करने की माँग कर डाली, ताकि भविष्य में कोई ऐसी ग़लती नहीं दोहरा पाए। आयल कुमार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा की वो सज़ा के लिए तैयार है लेकिन राज्य से बाहर नहीं जाएगा। अंत में इस सज़ा पर बात बनी की आयल एक सप्ताह में एक बोरा कमला पसंद की लड़ी खाएगा और शहर को लाल में रंगने में अपना योगदान देगा।