भारत की 78 प्रतिशत जनता रोज़ाना अपने काम जाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे की बस और मेट्रो का सहारा लेती है। अगर बस और मेट्रो ना हो तो पूरे देश का यातायात ठप्प हो जाएगा। रोज़ाना करोड़ों लोगों के सफर की ज़िम्मेदारी उठाने के लिए बस ड्राइवर और कंडक्टर को भी सलाम करना पड़ेगा।
जहाँ बस के फायदे हैं वहीँ इसमें सफर करने से पहले कुछ शर्तें भी होती हैं, जैसे की किराये के लिए छुट्टा लेकर चलना। अगर आपके पास छुट्टा ना हो तो बस कंडक्टर आपको ऐसे ज़लील करता है जैसे रानू मंडल को द फाक्सी।
मगर पिछले हफ्ते एक चौकाने वाली खबर आयी। जब यात्री ने कंडक्टर को 19 रुपये का छुट्टा दिया तो कंडक्टर के होश उड़ गए और सिसकियाँ लेकर रोने लगा क्यूंकि ऐसा दृश्य उसने अपने कार्यकाल में पहले कभी नहीं देखा था जहाँ यात्री ने ज़लील होने से पहले ही छुट्टा दे दिया हो।
यह दृश्य देख कर ड्राइवर भी यात्री को जादू की झप्पी देने आ गया और बोला “तुम बोहत मस्त काम करता है भाई”। आस पास में बैठे सभी यात्रियों की आँखों में आंसू आ गए और अचानक से कंडक्टर की नींद खुल गयी।