JNU छात्र इस सम बड़ी मुश्किल हालात से गुजर रहे हैं, हाल में ही सुप्रीम कोर्ट से आये फ़ैसले से वो काफी नाराज़ थे और उसका पुरजोर विरोध भी अपने कैम्पस में किया था पर प्रशासन के कड़े रुख के कारण वो विफल हो गया।
इस विफलता के बाद JNU छात्रों ने सोंचा ऐसे खाली बैठे रहे तो उन्हें पढ़ाई करनी पड़ेगी जो उनके बस में नही तो उन्होंने एक तरकीब निकाली।
अब वो अपने लेक्चर क्लास बंक करके छात्रावास के बड़े शुल्क का विरोध करने सड़कों पर उतर आये
विरोध कर रहे छात्रों का कहना है कि करीब 15 साल पहले जब उन्होंने यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया तो सिंगल रूम का रेंट 10 रु और डबल का 20 था को बढ़कर क्रमशः 300 और 600 हो गया, आज इसका विरोध नही किया तो आने वाले 10 सालों में ख़ुदा न खास्ता अगर वो अपनी डिग्री पूरी कर पाये तब तक ये चौगुना हो जाएगा फिर वो कहाँ जायेंगे।
उनकी इन समस्याओं का रानू मंडल चैरिटेबल फंड ने हल निकाला है, अब वो हर JNU छात्र के हॉस्टल का खर्चा खुद वहन करेगी ताकि कोई भी JNU छात्र फ़ीस के लिए रानू जैसी आवाज में स्टेशन पर न गाये और जनता को अब और ध्वनि प्रदूषण न झेलना पड़े।