सोच और समझ एक उम्र के बाद विकसित होती है। बहुत सी चीजें ऐसी होती है जो कम उम्र में सही लगती है लेकिन उम्र बढ़ने पर गलत लगती है। इसे ही जनरेशन गैप कहा जाता है। यह लगभग हर घरों में देखा जा सकता है।
वडोदरा में ऐसा ही कुछ फॉक्सी रिपोर्टर के कान तक पहुंचा। एक पिता ने अपने बेटे को लाल सिंह चड्ढा की टिकट बुक करने से जायदाद से बेदखल कर दिया। पढ़ा-लिखा बेरोजगार और वोक बेटा अपने पिताजी की कमाई का एक अच्छा खासा हिस्सा अलग-अलग ओटीटी प्लेटफॉर्म के सबक्रिप्शन लेकर उड़ाता था। दिनभर टीवी में अलग-अलग तरह के अंग्रेजी फ्रेंच कोरियन वेब सीरीज और फिल्में तो देखता ही था, ऊपर से कार्टून भी देखता था। जिसे पिताजी के पूछने पर कि “इतना बड़ा होने पर भी कार्टून क्यों देख रहा है” वह झगड़ा करने लगता था, कि इसे एनिमी बोलते हैं पिताजी।
बीते दिनों जब उसने लाल सिंह चड्ढा की टिकट बुक कराई तो पिताजी ने अपना आपा खो दिया। पहले तो लड़के ने यह प्रैंक था पापा प्रैंक बोलकर मामला सुलझाने की कोशिश की। लेकिन पिताजी तो पहले से डिजिटल इंडिया के समर्थक रह चुके हैं। उन्होंने उसके इंस्टाग्राम की स्टोरी का स्क्रीनशॉट दिखाया जिसमे बेटे ने टिकट बुकिंग की फोटो शेयर करी थी। मजदूर को खोदना नहीं सिखाते जैसा कोई एक ताना मारा और घर से भी भगा दिया।
फिलहाल बेटा बेदखल होने के बाद अपने “कोई भी जरूरत पड़े तो बताना” बोलने वाले दोस्तों का असली रूप देख रहा है। पिताजी आखिरकार कई सालों बाद खाना खाते वक्त तारक मेहता का उल्टा चश्मा देख रहे हैं।