खुश होना या उत्साहित होना सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है मगर बड़े बुज़ुर्ग जैसा कि कहा करते थे अति किसी भी चीज़ की अच्छी नहीं होती। चाहे फिर अति उत्साह ही क्यों न हो।
इस बात को सत्य साबित करता हुआ एक किस्सा मुंबई में देखने को मिला जहां दुबई से लौटे युवक की कोरोना की टेस्ट किये गए जिसको ले कर वो काफी डरा हुआ और चिंतित था जो कि स्वाभाविक भी है।
रिपोर्ट्स जब आयी तो पता चला कि टेस्ट नेगेटिव पाए गए हैं यानी उसको कोरोना ने संक्रमित नहीं किया है। बस फिर क्या था वो इतना खुश हुआ कि अति उत्साह में आ कर रिपोर्ट का जश्न मनाने का निर्णय किया और अपने दोस्तों को उसी रात पार्टी का निमंत्रण दे दिया।
मगर उस मासूम युवक को कहां पता था कि जो दारू और खाना वो ले रहा है वो उसके फिर से अस्पताल जाने का सबब बनने वाले हैं।पार्टी में इतना दारू और खाना खाया गया कि अगली सुबह उसको फ़ूड इन्फेक्शन हो गया।
यानी 2 दिन पहले तक जो पूरी तरह स्वस्थ था वो पहले तो कोरोना की वजह से दहशत में आया फिर उस से निजाद पाते ही फ़ूड इन्फेक्शन की वजह से अस्पताल में भर्ती है।