हाल ही में अमित शुक्ला नामक सज्जन ने ज़ोमैटो पर मुसलमान डिलीवरी बॉय मिलने पर अपना आर्डर कैंसल करने की मांग की, व्यक्ति का कहना था की सावन के महीने में वे किसी मुस्लमान के हाथ से खाना नहीं लेगा ज़ोमैटो ने जवाब देते हुए कहा की खाने का कोई धर्म नहीं होता बल्कि खाना खुद एक धर्म है।
इसके बाद सभी पक्षों से अलग अलग राय सुनने को मिल रही है कुछ लोगों का कहना है की अगर ज़ोमैटो हलाल और झटका मीट देने में भेद बाव कर सकती है तो फिर डिलीवरी बॉय के धर्म को लेकर क्यों नहीं? जैन समाज की और से भी वस्त्रहीन डिलीवरी बॉय भेजने की मांग उठ रही है।
हद्द तो तब हो गयी जब दिल्ली में रह रहे एक व्यक्ति ने अपने डिलीवरी बॉय से झटके की मांग की तो डिलीवरी बॉय ने बिजली की नंगी तार ग्राहक पर फेंक दी और तुरंत वहां से रफू चक्कर हो गया।
आदमी की हालत अब पहले से बेहतर बताई जा रही है जब हमारे फाक्सी संवादाता ने पीड़ित से बात की तो उसने कहा की आज के बाद वो केवल हलाल मीट ही खायेगा।
इस घटना के बारे में जब ज़ोमैटो के दीपू गोयल से बात की गई तो उन्होंने बताया नँगी तार का भी कोई धर्म नही होता है वो नही देखती किसी के ऊपर गिर रही है वो हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई को बराबर झटका देती है।
ये काबिलेतारीफ है कि ज़ोमैटो और उसके साथ जुड़े विवाद लोगो को खाने की तरफ और ललचा रहे है! और उनके कस्टमर और कष्टों से मरने के लिए तैयार है।