इंजिनियर के कार्ड से उड़े 3.3 लाख रुपये, पुलिस ने 3.3 लाख रखने के लिये इंजीनियर को किया गिरफ्तार

आपके लिए ये राशि ज़्यादा नहीं हो मगर पान टपरी वालों के पास पचास पचास रुपए की उधारी सालों तक रखने वाले इंजीनियर के पास तीन लाख से ज़्यादा रुपए मिलना किसी ख़ज़ाने से कम नहीं है,ऐसे ही एक इंजीनियर ने अपने बैंक फ़्रॉड की शिकायत पुलिस में की, साईबर अपराधियों पर कार्यवाही करने के बजाय उल्टा पुणे MIT पे पढ़ने वाले इस इंजीनियरिंग के छात्र ओरबिंदो केजरकर को देर रात पुलिस ने कॉलेज हॉस्टल से गिरफ़्तार कर लिया।

इस गिरफ़्तारी पर ताज्जुब नहीं होना चाहिए क्योंकि प्रश्न पहले ये उठना चाहिए कि जिन इंजीनियरों का नौकरी तलाशने के चक्कर में पिछवाड़ा और चप्पल में कौन ज़्यादा घिसेगा का कंपीटिशन लगा रहता है, जो धन तेरस जैसे त्योहार धन के लिए तरस कर मना लेते है, आख़िर उसके पास तीन लाख पूरे तीन लाख आए कहाँ से? मफ़लर लपेटे साधारण से दिखने वाले ओरबिंदो केजरकर भी होस्टल साथियों की माने तो किसी भिखारी से कम नहीं था क्योंकि हर बड़े से बड़े प्रोग्राम में चप्पलों में चले जाना उसकी पहचान थी, तो उसके पास आख़िर तीन लाख रुपए?

औरबिंदो केजरकर ने फ़ौक्सी रिपोर्टर से अपनी सफ़ाई में कहा की पुलिस उसे काम करने नहीं दे रही हैं। पहले भी एक बार पुलिस मुझे बेवजह जेब काटने के जुर्म में उठा चुकी है जबकि मैं लोकल में बीड़ी जलाने के लिए एक पेसेंजर की जेब में माचिस के लिए हाथ डालकर बीड़ी सुलगाना चाह रहा था। हालाँकि तीन लाख रुपए कहाँ से आए इस पर केजरकर ने कोई टिप्पणी नहीं की।

खैर ये पुलिस जाँच में पता चल जाएगा की केजरकर के पास इतने पैसे कहाँ से आए लेकिन सभी इंजीनियर भाइयों से ये यहीं अपील है की अपने बैंक अकाउंट में हज़ार से ज़्यादा राशि सोच समझकर रखें वरना अगले केजरकर आप हो सकते हैं।

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