सरकार ने सदन में पास किया बिल: साड़ी की दुकान पर 20 से ज्यादा साड़ी देखने के बाद नही खरीदने पर खुद ही करनी होगी महिला ग्राहक को साड़ियाँ घड़ी

खरीद दारी और स्त्री दोनों एक दूसरे के पूरक हैं, एक सर्वे के अनुसार एक महिला अपने जीवनकाल में अधिकांश समय शॉपिंग में ही व्यतीत करती है

इसका ये अर्थ नही कि वो बहुत ज्यादा खरीद दारी करती है बल्कि उसे एक रुमाल लेने में भी कई घण्टे लगते हैं उसके मन मुताबिक रंग और डिजाइन सेलेक्ट करने में।

महिलाओं की इस आदत से दुकानदार काफी परेशान हैं, दिल्ली के प्रमुख कपड़ा बाजारों में हमारे फाक्सी सवांददाता अमन चौरसिया से बातचीत में उन्होंने अपना दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि अक्सर महिलाएं एक साड़ी खरीदने के लिए पूरे दुकान की साड़ियां निकलवा लेती हैं और अंत में सब तो वही पुराने डिजाइन बोलकर खरीदती नही हैं, जिसके कारण उनके दुकान के लड़के हमसे ओवरटाइम के पैसे मांगते हैं।

कपड़ा संघ के अध्य्क्ष श्री मनसुख लाल केसरवानी ने आगे बताया कि वो सरकार के नए बिल से काफ़ी ख़ुश हैं जिस बिल के मुताबिक़ 20 से ज्यादा साड़ियां देखने पर खरीद दारी न करने वाली महिला को जुर्माने के तौर पर स्वयं साड़ियों की घड़ी लगानी होगी।

– फाक्सी रिपोर्ट

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