आतंकी बनने की आपने कई अलग अलग वजह उनकी कहानी के साथ पढ़ी या सुनी होंगी। और आजकल आतंकी के मारे जाने पर उसके आतंकी बनने का सबसे अनोखा कारण ढूंढने का मीडिया में एक ट्रेंड चल पड़ा है।
जैसे कि कभी किसी की तलाशी फौज वालो ने लेली तो वो आतंकी बन गया, किसी को थप्पड़ मार दिया तो वो आतंकी बन गया। वैसे इन दावों में ज़रा भी दम नहीं मालूम पड़ता क्योंकि अगर ऐसा होता तो अरविंद केजरीवाल से ज़्यादा थप्पड़ किसने खाये हैं ? फिर तो आज बग़दादी उनकी चम्पी कर रहा होता।
अब क्या करें संभावना को कभी नकारा नहीं जा सकता इसलिए जब गुप्त माहिती दी फौक्सि को मिली कि रमज़ान में रूह अफ़ज़ाह न मिलने की वजह से कई युवक गुस्से में हैं और हथियार उठा रहे हैं तो हमारी टीम ने भी इस विषय पर तफ्तीश की ।
और हमने पाया कि रोज़ेदार युवा अगर इतनी गर्मी में अपने रोज़े पर कायम हैं तो उसकी सिर्फ एक ही वजह है, शाम को रूह अफ़ज़ाह मिलने की उम्मीद। और ऐसे में अगर उनसे उनका ये हक़ जब छिनता है तब कुछ युवक रास्ते से भटक जाते हैं।
हालांकि ये चलन काफी खतरनाक है और हमारी टीम सभी युवकों से अपील करती है कि चाहे कुछ भी हो हथियार उठाना कभी सलूशन नहीं है, बल्कि किसी और का गिलास मार कर भी इस गंभीर विषय को सुलजाया जा सकता है।